बार-बार जॉब बदलने से बन गए हैं कई EPF अकाउंट? मर्ज नहीं कराने पर विड्रॉल पर लग सकता है टैक्स, समझें ये नियम
जब हम ईपीएफ अकाउंट मर्ज कराने की बात करते हैं तो इसका सीधा मतलब होता है कि आप पुराने अकाउंट का सारा बैलेंस नए अकाउंट में ट्रांसफर करवाते हैं. आपके पुराने अकाउंट तब भी मौजूद रहते हैं लेकिन उसमें कुछ बैलेंस नहीं होता.
अगर आप सैलरीड इंप्लॉई हैं और एक से ज्यादा नौकरियां चेंज की हैं तो हो सकता है कि आपके एक से ज्यादा EPF Account (Employee Provident Fund) बन गया हो, आपके लिए इसे मर्ज कराना जरूरी है. हर इंप्लॉई को EPFO की ओर से एक UAN (Universal Account Number) अलॉट किया जाता है. आप इस UAN से EPFO की वेबसाइट पर अपने EPF अकाउंट की सारी डीटेल पा सकते हैं.
UAN से हो सकती है मर्जिंग
जब आप किसी नई जगह पर नौकरी शुरू करते हैं, तो नई कंपनी आपसे आपका UAN मांगती है, जिससे लिंक करके वो आपके लिए नया ईपीएफ अकाउंट क्रिएट करती है और फिर आपकी सैलरी से ईपीएफ का पैसा कटता है. जब आपका नया ईपीएफ अकाउंट बन जाता है तो आपको अपने UAN की मदद से इसे पुराने अकाउंट से मर्ज करा सकते हैं. इससे आपका पैसा एक ही अकाउंट में जमा होता है. जब हम ईपीएफ अकाउंट मर्ज कराने की बात करते हैं तो इसका सीधा मतलब होता है कि आप पुराने अकाउंट का सारा बैलेंस नए अकाउंट में ट्रांसफर करवाते हैं. आपके पुराने अकाउंट तब भी मौजूद रहते हैं लेकिन उसमें कुछ बैलेंस नहीं होता.
क्यों मर्जिंग करानी है जरूरी
दो या इससे ज्यादा ईपीएफ अकाउंट हो जाएं तो इन्हें मर्ज कराना टैक्स सेविंग के लिहाज से भी जरूरी है. दरअसल, जब आप किसी ईपीएफ अकाउंट से पैसे निकालते हैं तो पांच साल की यह सीमा देखी जाती है कि आपका कॉन्ट्रिब्यूशन शुरू कबसे हुआ था. अगर आप पीएफ अकाउंट में कॉन्ट्रिब्यूशन शुरू होने के पांच साल के पहले ही विदड्रॉल करते हैं तो आपको इसपर टैक्स भरना पड़ता है. आपके पीएफ अकाउंट विदड्रॉल पर लगातार पांच साल की सर्विस देखी जाती है, उसके बाद ही आप अपने अकाउंट से पैसे निकाल सकते हैं.
दो या इससे ज्यादा EPF Account को लिंक करने का तरीका क्या है-
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स्टेप 1- सबसे पहले EPFO की मेंबर सेवा पोर्टल https://unifiedportal-mem.epfindia.gov.in पर जाएं.
स्टेप 2- 'Online Services' टैब के अंदर 'One Member - One EPF Account (Transfer Request)' को सेलेक्ट करें.
स्टेप 3- स्क्रीन पर आपकी पर्सनल डीटेल्स रिफ्लेक्ट हो जाएंगी. इसमें आपके करंट इंप्लॉयर की ओर से बनाया गया नया अकाउंट भी लिस्टेड दिखेगा.
स्टेप 4- आपको पुराने अकाउंट, नए अकाउंट के साथ लिंक कराने के लिए पुराने या नए इंप्लॉयर से अटेस्ट कराना होगा. बेहतर होगा कि नए इंप्लॉयर से ही कराएं. अपना पुराना मेंबर आईडी, पुराना पीएफ अकाउंट नंबर और पुराना UAN डालें और फिर 'Get Details' पर क्लिक करें. आपके पुराने ईपीएफ
स्टेप 5- 'Get OTP' पर क्लिक करें. आपके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर ओटीपी आएगा, इसे डालकर सबमिट करें.
आपकी रिक्वेस्ट सबमिट हो जाएगी. आपके करंट इंप्लॉयर को इसे अप्रूव करना होगा. जिसके बाद EPFO आपके पुराने अकाउंट को नए अकाउंट में मर्ज कर देगा. आपको बाद में अपना मर्जर स्टेटस चेक करना होगा.
07:30 PM IST